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एक गाँव की कहानी

 एक गाँव मे दो भाई रहते थे ।दोनो अपना अपना काम काज करके अपना घर किसी तरह से चलते थे। लेकिन एक दिन एक भाई ज्यादा पैसे की चक्कर मे जंगल की तरफ चल पडा लेकिन कुछ दर जाने पर उसे एक वृद्ध महिला देखी वह बहुत प्यासी थी जब वह उसके पास गया तो वह पानी पानी कह कर जोर से चिल रही थी । और बिना सोचे वह ब्यक्ति पास के तालाब से तेजी से पानी लेकर आया।  और उसे पानी पिला कर पुछा माता जी आप इस घने जंगलो मे क्या कर रही हो उस वृध्द महिला ने कहा बेटा मै यही रहती हुँ ।तुम क्या लेने आये हो तो उसने कहा मै तो लकडी लेने आया हू फिर से उस वृध्द महिला बोली लकडी तुम क्या करते हो। उसने बोला इसे मै बेचकर अपने घर का इस्ती को सुधारना चाहता हुँ उसने बोली मै तुम्हे कुछ देना चाहतीं हुँ उसने कहा क्या देना चाहती हो कहा एक सोने का कुलहडी कहा ठीक है दो । फिर वह उसे अपने घर लेकर आया इस तरह से देखते वह बहुत धनी हो गया और अपने भाई का भी साथ देकर उसे भी अपनी तरह एक धनी अदमी बना दिया। और इस तरह से दोनो भाई अपने गाँव शहर का सबसे धनी लोगो मे से एक हो गए । इस तरह से इस कहानी का यही अन्त हो जाता है। आप सभी से अनुरोध है की आप लोग हमारी इस

प्यार क्यो होता है ?

प्यार क्यो या कैसे होता है । ये सरि बाते हमारी ही ब्लॉग मे आप लोगो को देखने को मिलेंगे ।तो आज हम बात करेंगे की प्यार आखिर क्यो होता है इसके बारे मे हा स्टेप बायी स्टेप जानेंगे ।तो चलिये बिना देरी किये आपका सवाल का हम जवाब देंगे पहली बात ये तो प्यार एक महसूस करने की एक वस्तु है लेकिन इसे प्यार हम अपनी भासा मे कहे तो प्यार किसी से भी हो सकताहै क्योंकि प्राकृतिक का ये देन है की हर इसान को एक साथी की एक दिन आवश्यकता पड़ती है और उस इन्सान से हमे इतना ज्यादा लगाव हो जता है की हमे उसके बिना एक पल भी रहना मुस्कील रहने लगता है तब हमे मालुम चलता है की हमे अखिर ऐसा क्यों होता है क्योंकिये मानवी आकर्षण होता है। दुसरी बात की प्यार कब किसी से भी हो जाये ।ये बताना मुस्कील है क्योंकि प्यार हम जानकर नही करते है वो तो अपने आप हो जता है ।और प्यार ना तो उम्र ना तो जात ना तो हैसियत ही देखता है । इसलिए कहा जता है की प्यार किया नही जता ये तो हो जाता है। तीसरी बात ये की प्यार का मतलब विशवास है अगर आपको जिस इन्सान पर विशवास नही है तो इसका साफ मतलब है की आपको उसे प्यार या प्रेम नही है ।प्यार तो ओ है जो किसी के जिस्म से नही उसकी मन या आत्मा से होता है ।जो एक दुसरे पर भरपुर विशवास होता है उसको ही प्यार कहा जाता है ।और प्यार कभी सोचकर नही होता है मै उसे प्यार करूंगा । तो उमीद है की आपके सवाल का जवाब मिल गया होगा तो आप सभी को हमारे तरफ से धन्यवाद क्योंकि आपने अपने बहुमूल्य समय निकल कर हमारे इस आरतीछलेस को।पढा।

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