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एक गाँव की कहानी

 एक गाँव मे दो भाई रहते थे ।दोनो अपना अपना काम काज करके अपना घर किसी तरह से चलते थे। लेकिन एक दिन एक भाई ज्यादा पैसे की चक्कर मे जंगल की तरफ चल पडा लेकिन कुछ दर जाने पर उसे एक वृद्ध महिला देखी वह बहुत प्यासी थी जब वह उसके पास गया तो वह पानी पानी कह कर जोर से चिल रही थी । और बिना सोचे वह ब्यक्ति पास के तालाब से तेजी से पानी लेकर आया।  और उसे पानी पिला कर पुछा माता जी आप इस घने जंगलो मे क्या कर रही हो उस वृध्द महिला ने कहा बेटा मै यही रहती हुँ ।तुम क्या लेने आये हो तो उसने कहा मै तो लकडी लेने आया हू फिर से उस वृध्द महिला बोली लकडी तुम क्या करते हो। उसने बोला इसे मै बेचकर अपने घर का इस्ती को सुधारना चाहता हुँ उसने बोली मै तुम्हे कुछ देना चाहतीं हुँ उसने कहा क्या देना चाहती हो कहा एक सोने का कुलहडी कहा ठीक है दो । फिर वह उसे अपने घर लेकर आया इस तरह से देखते वह बहुत धनी हो गया और अपने भाई का भी साथ देकर उसे भी अपनी तरह एक धनी अदमी बना दिया। और इस तरह से दोनो भाई अपने गाँव शहर का सबसे धनी लोगो मे से एक हो गए । इस तरह से इस कहानी का यही अन्त हो जाता है। आप सभी से अनुरोध है की आप लोग हमारी इस

अपने पढाई मे मन कैसे लगाएं?

 पढाई मे मन लगने के लिये अपने आप को एक दम  शान्त, तथा एकाग्रता रखनी होगी तभी आप अपने पढाई मे मन लगा सकते हो नही तो आप पढाई मे मन नही लगा सकते हो इसलिए मै आपको कुछ ऐसा टिप्स बताऊंगा                                                                                                                                                      









जिसे आप करके आप अपने पढाई को बेहतर बना सकते हो तो ध्यान से सुनियेगा और ना बहुत ज्यादा पस्ताईयेगा तो चलिये सुरु करते हैं   पहला स्टेप आप अपने मन को शान्त किजीये ।दुसरा स्टेप आप जब भी पढ़ने बैठिय तो किसिके बराए मे कुछ मत सोचिये ।












तीसरा स्टेप पढ्ने के लिए एक सही टाईम बनाईय ताकि आपको उस टाईम को हमे




शा पालन करना होगा ।चाहे कुछ भी जाये हाँ कभी-कभी चाहे तो आप छुट्टियां लेसकते है लेकीन हमेशा नही ।चौथा स्टेप आप पढ्ने की लिए आप हमेशा बैठ कर या कुर्सी मे बैठ कर पढिए ताकि आपको नीँंद न आये अगर आप इस तरह से पढते है तो जरुर आपको पढने मे मन लगेगा ।कहते है न सफलता एक दिन मे नही मिलती  लेकिन एक दिन जरुर मिलती है अर्थात हमे हमेशा तैयार रहना चाहिए अपने लक्ष्य की प्रति 

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