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एक गाँव की कहानी

 एक गाँव मे दो भाई रहते थे ।दोनो अपना अपना काम काज करके अपना घर किसी तरह से चलते थे। लेकिन एक दिन एक भाई ज्यादा पैसे की चक्कर मे जंगल की तरफ चल पडा लेकिन कुछ दर जाने पर उसे एक वृद्ध महिला देखी वह बहुत प्यासी थी जब वह उसके पास गया तो वह पानी पानी कह कर जोर से चिल रही थी । और बिना सोचे वह ब्यक्ति पास के तालाब से तेजी से पानी लेकर आया।  और उसे पानी पिला कर पुछा माता जी आप इस घने जंगलो मे क्या कर रही हो उस वृध्द महिला ने कहा बेटा मै यही रहती हुँ ।तुम क्या लेने आये हो तो उसने कहा मै तो लकडी लेने आया हू फिर से उस वृध्द महिला बोली लकडी तुम क्या करते हो। उसने बोला इसे मै बेचकर अपने घर का इस्ती को सुधारना चाहता हुँ उसने बोली मै तुम्हे कुछ देना चाहतीं हुँ उसने कहा क्या देना चाहती हो कहा एक सोने का कुलहडी कहा ठीक है दो । फिर वह उसे अपने घर लेकर आया इस तरह से देखते वह बहुत धनी हो गया और अपने भाई का भी साथ देकर उसे भी अपनी तरह एक धनी अदमी बना दिया। और इस तरह से दोनो भाई अपने गाँव शहर का सबसे धनी लोगो मे से एक हो गए । इस तरह से इस कहानी का यही अन्त हो जाता है। आप सभी से अनुरोध है की आप लोग हमारी इस

एक माँ की कहानी

इस कहानी के पाठ से ही समझ गये होंगें की मै किसके बारे मे बताने वाला हुँ सारी दुनिया कहती है की माँ का दर्जा एक देवी का होता है लेकिन 





अगर मै कहू की माँ का दर्जा देवी से भी बढकर है यह बात गलत नही है 100% सत्य है अगर आपको विश्वाश न हो तो आईये इसे एक कहानी के माध्यम से समझते है ।


एक गाँव की कहानी है एक गाँव मे एक बूढ़ी माँ की चार बेटे थे। माँ किसकी किसकी घरे की  चुल्हे,बर्तन  माझ कर अपने चारो बेटे पाल पोसकर,पढा, लिखकर उनकी मंजिल तक पहुचा दिया। तथा उनकी शादी भी कर दी ।



जब वह एक अच्छे इंसान बन गये तो जब माँ का बोझ जब उनकीं कन्धे पर आई तो सभी ने अपने मुह मोड़ लिये । और वो कहने लगे की अब वो किसी काम की नही है ।



और उसके सभी बेटे ने मिलकर ये फैसला किया की इसे एक वृद्धा आश्रम मे कर देते है ।आप ही लोग बताये की क्या यह सही है। या गलत बात है और आगे पढने के लिये किजीये। और एक माँ और बेटे के बीच किस प्रकार का सम्बंध होना चाहिए ।आपकी क्या राय है हमे कमेंट मे जरुर लिख कर भेजिए ।



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