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एक माँ की कहानी
इस कहानी के पाठ से ही समझ गये होंगें की मै किसके बारे मे बताने वाला हुँ सारी दुनिया कहती है की माँ का दर्जा एक देवी का होता है लेकिन
अगर मै कहू की माँ का दर्जा देवी से भी बढकर है यह बात गलत नही है 100% सत्य है अगर आपको विश्वाश न हो तो आईये इसे एक कहानी के माध्यम से समझते है ।
एक गाँव की कहानी है एक गाँव मे एक बूढ़ी माँ की चार बेटे थे। माँ किसकी किसकी घरे की चुल्हे,बर्तन माझ कर अपने चारो बेटे पाल पोसकर,पढा, लिखकर उनकी मंजिल तक पहुचा दिया। तथा उनकी शादी भी कर दी ।
जब वह एक अच्छे इंसान बन गये तो जब माँ का बोझ जब उनकीं कन्धे पर आई तो सभी ने अपने मुह मोड़ लिये । और वो कहने लगे की अब वो किसी काम की नही है ।
और उसके सभी बेटे ने मिलकर ये फैसला किया की इसे एक वृद्धा आश्रम मे कर देते है ।आप ही लोग बताये की क्या यह सही है। या गलत बात है और आगे पढने के लिये किजीये। और एक माँ और बेटे के बीच किस प्रकार का सम्बंध होना चाहिए ।आपकी क्या राय है हमे कमेंट मे जरुर लिख कर भेजिए ।
इसी तरह की दिलचस्पी कहानी पढने के लिये हमे follow कीजिए जय हिंद जय भारत
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